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एमपी के मन्नत बाबा सहित 7 आरोपियों पर सदर में मामला दर्ज

कैंसर पीड़िता की संपत्ति अपने नाम कराने रची साजिश

पीड़िता की मृत्यू के बाद बेटी की याचिका पर अदालत ने दिए आदेश

नागपुर : सदर पुलिस ने नागपुर की कैंसर पीड़ित महिला की संपत्ति अपने नाम पर करने की साजिश के आरोप में मध्य प्रदेश के मन्नत बाबा सहित सात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.आरोपियों में मुख्यत: भोपाल का चर्चित मन्नत बाबा उर्फ संजयकुमार सिंग (मृणाल रेसीडेंसी-4), देविदास गावंडे (गड्डीगोदाम),गीता देविदास गावंडे, धीरज गावंडे, कुणाल गावंडे सहित दस्तावेज बनाने में मददगार दिनेश आचार्य (शिवाजीनगर) और प्रमोद डवले (सुरेंद्रनगर) का समावेश है.

फरियादी मोहननगर निवासी प्रियंका शंभरकर है. प्रियंका के पिता की मौसी कुसुम शंभरकर को बच्चे नहीं थे.मध्य प्रदेश मंत्रालय (भोपाल)में कार्यरत कुसुम शंभरकर ने बचपन में ही प्रियंका को दत्तक लिया था.वह मूलत: नागपुर निवासी होने से उनकी सारी संपत्ती नागपुर में है.प्रियंका के पालन-पोषण का जिम्मा कुसुम शंभरकर करती थी.इस बीच आरोपी मन्नत बाबा से भोपाल में कुसुम शंभरकर की पहचान हुई थी.वह बाबा से पूजा पाठ के सिलसिले में मिलती थी.

लेकिन वर्ष 2009 में सेवानिवृत होने के बाद कुसुम शंभरकर नागपुर स्थित घर में रहती थी.उन्हें कैंसर होने से 9 सितंबर 2021 को मानकापुर के एक निजि अस्पताल में भर्ती किया गया था. वहां उनकी मां को 30 अक्तूबर 2021 को डिस्चार्ज मिल गया था. प्रियंका की माँ कुसुम की 5 दिसंबर 2021 को कैंसर से मौत हो गई.

कुसुम शंभरकर का अंतिम संस्कार हो जाने के बाद तीसरे दिन मन्नत बाबा मृतक के घर पर पुजा के समय पहुंचा.मन्नत बाबा ने फरियादी प्रियंका को बताया कि मृतक कुसुम ने सदर के मोहननगर का फ्लैट और नारी का एक प्लॉट बाबा के नाम और उसके मामा देविदास के बेटे धीरज के नाम पर बाबादीपसिंह नगर का मकान कर दिया है.प्रियंका को संदेह हुआ कि उसके साथ कोई बड़ी साजिश की गई है.

उसे पूछताछ में अस्पताल प्रशासन से पता चला कि उसकी मां कुसुम के उपचार के दरमियान ही अचानक 15 सितंबर को प्रियंका की मां को संजयकुमार सिंग उर्फ मन्नत बाबा और उसके मामा के बच्चे ने डॉक्टर के खिलाफ में जाकर दवाखाने से निकालकर कही बाहर ले गए थे.जबकि उसकी मां कुसुम कैंसर के तीसरे स्टेज में होने से शारिरीक और मानसिक रुप से स्वस्थ्य नहीं थी.

उनके सिर पर कैंसर के असर को देखते हुए डॉक्टर के निगरानी में रखना जरुरी था.दुसरे दिन 16 सितंबर को मन्नत बाबा ने अपने नाम पर एक फ्लैट और प्लॉट की गिफ्ट डिड करा ली.उसके मामा के परिवार ने बाबा की मिलिभगत से आरोपी धीरज के नाम पर बाबादीपसिंह नगर का एक मंजिला मकान की वसीयत करा ली थी.

यह दस्तावेज बनाने में अन्य आरोपियों ने मदद की.इसके बाद 16 सितंबर को ही गंभीर हालत में कैंसर पीड़ित कुसुम को फिर से अस्पताल में भर्ती कर दिया था.परंतू प्रियंका से हुई धोखाधड़ी की शिकायत को गंभीरता से नही लिया गया.आखिर एनजीओ एक्शन कमेटी और एड.वी.वी.महंत ने प्रियंका की ओर से कोर्ट में गुहार लगाई थी. मुख्यन्यायदंडाधिकारी की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए.

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